नागपुर : प्रदेश के गैर-कृषि विश्वविद्यालयों में 25 साल बाद खुले छात्रसंघ चुनाव होंगे। नागपुर विश्वविद्यालय में सितंबर माह में चुनाव होंगे। विवि ने चुनाव पूर्व तैयारियां शुरू कर दी हैं। 6 जुलाई को विश्वविद्यालय ने सभी छात्र संगठनों के प्रतिनिधियों की एक बैठक बुलाई है। इस बैठक के बाद 12 जुलाई को कॉलेज प्राचार्यों की बैठक होगी। इसमें छात्र संघ चुनाव से जुड़ी जानकारी दी जाएगी। इसके बाद विवि चुनावी कार्यक्रम जारी करेगा।
30 सितंबर के पूर्व चुनाव संपन्न करा लिए जाएंगे। छात्रसंघ अध्यक्ष और सचिव को विवि की सीनेट में जगह मिलेगी। अध्यक्ष को मैनेजमेंट काउंसिल में भी आमंत्रित किया जाएगा। विश्वविद्यालय के विद्यार्थी कल्याण बोर्ड को हर साल 31 जुलाई के पूर्व चुनावी कार्यक्रम जाहिर करके 30 सितंबर के पूर्व छात्र संघ का गठन करना जरूरी होगा। केवल नियमित विद्यार्थी ही चुनाव लड़ने के पात्र होंगे। चुनाव बैलेट पेपर से होगा। एक विद्यार्थी कुल पांच वोट देगा।
क्लास प्रतिनिधि, अध्यक्ष, सचिव, महिला प्रतिनिधि व आरक्षित उम्मीदवार को वोट दिए जाएंगे। यह छात्र परिषद विद्यार्थियों के विकास से जुड़े फैसले करेगी। सांस्कृतिक गतिविधियों से लेकर परिसर में अनुशासन रखने और विद्यार्थियों में समन्वय और राष्ट्रीयता की भावना जागृत करने की दिशा में कार्य करेगी।
प्रदेश सरकार ने छात्र संघ चुनावों के लिए जारी नियमावाली में स्पष्ट किया है कि, चुनाव के मद्देनजर कोई भी प्रतिनिधि या संगठन कॉलेज या विवि परिसर में रैली नहीं निकाल सकेगा। यहां तक कि, चुनावी पोस्टर बैनर भी संस्थान द्वारा निर्धारित की गई जगह पर ही लगाए जा सकेंगे। नाव में प्रत्याशियों के खर्च पर भी अंकुश लगाया गया है। क्लास प्रतिनिधि का चुनाव लड़ने के लिए खर्च की अधिकतम सीमा 1000 रुपए और अन्य सीटों पर लड़ने के लिए अधिकतम सीमा 5000 रुपए निर्धारित की गई है। चुनावों में विद्यार्थियों और शिक्षा संस्थान से जुड़े वर्ग के अलावा किसी भी बाहरी व्यक्ति के दखल पर रोक लगाई गई है।
वहीं विद्यार्थियों को आगाह किया गया है कि, चुनाव के मद्देनजर उन्हें हिंसक या बहुत ज्यादा व्यवधान खड़े करने वाली गतिविधियों से दूर रहना होगा। राज्य सरकार ने छात्र संघ चुनावों में राजनीतिक दलों या धार्मिक संगठनों को दूर रखा है। चुनावी नियमों में स्पष्ट किया है कि, कोई भी विद्यार्थी या छात्र संगठन किसी भी राजनीतिक दल या धार्मिक अथवा जातिगत समूह का नाम, लोगो या तस्वीर का अपने चुनाव प्रचार में इस्तेमाल नहीं कर सकेगा।
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