“जय बोला प्रिय पत्नीची” मराठी नाटक का मंचन

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नागपुर : काश मुझे कोई जादू की छड़ी मिल जाती, तो मैं जैसा चाहता, वैसा पत्नी करती, लेकिन ऐसा नहीं हो सकता है। मैं तो पत्नी से तंग आ गया हंू। पत्नी पूरे समय मेरे ऊपर नजर रखती है। पता नहीं कैसे छुटकारा मिलेगा इससे। राजकला मंदिर निर्मित ग्रुप ऑफ राजेश चिटणीस प्रस्तुत मराठी नाटक “जय बोला प्रिय पत्नीची” का मंचन साईं सभागृह में किया गया। कॉमेडी नाटक में कलाकारों के अभिनय ने जान डाल दी। नाटक का निर्माण राजेश्वरी चिटणीस, लेखक व दिग्दर्शक राजेश चिटणीस ने किया है। प्रकाश योजना अभिषेक बेल्लारवार की है। कलाकार सीमा सायरे, शाम आस्करकर, अनिल पाखोड़े, भावना चौधरी, हर्षाली काईलकर, वैभव नक्षणे और राजेश चिटणीस ने मुख्य भूमिका निभाई।

बेटे की लेता है मदद

“जय बोला पत्नीची” कॉमेडी और ट्रेजडी से भरपूर है। परिवार में पति-पत्नी और उनका बेटा रहता है। पति हमेशा यही सोचता है कि, भगवान मुझे कैसी पत्नी मिली, जो पूरे समय डांटती रहती है। इसलिए वो अपने बेटे के साथ पत्नी से छुटकारा दिलाने का प्लान बनाता है। नाटक में हर पल छोटी-छोटी नोंक-झोंक और लड़ाई-झगड़ा चलता रहता है। पति के बनाए प्लान में वो खुद ही उलझ जाता है और परेशान हो जाता है, लेकिन सस्पेंस तब खुलता है, जब पति को पता चलता है कि, यह प्लान पत्नी ने ही बनाया है। फिर पत्नी, पति से कहती है कि, हम पत्नियों को पति की चिंता होती है, इसलिए वे उनको रोकती-टोकती हैं। इसको नजर रखना नहीं, चिंता कहते हैं। इस तरह पति को अपनी गलती का अहसास होता है और वो बोलता है ‘जय बोला प्रिय पत्नीची’।

और पढिये : संगीत सभा ब्रह्मनाद में डॉ. जयश्री वैष्णव ने दी प्रस्तुति

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