महाराजबाग चिड़ियाघर के मास्टर प्लान में करने होंगे कई सुधार, सीजेड के विशेषज्ञों ने प्लान की बारीकी से जांच के बाद सुझाए जरूरी बदलाव

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नागपुर : सीजेडए (द सेंट्रल जू अथाॅरिटी) के जू डिजाइनिंग एक्सपर्ट ग्रुप ने महाराजबाग चिड़ियाघर के मास्टर प्लान की बारीकी से जांच के बाद कई सुधर की आवश्यकता बताई है। चिड़ियाघर के मास्टर ले आउट प्लान में इन सिफारिशों के अनुसार बदलाव के बाद ही सीजेडए को भेजना है। इसके बाद ही संस्था चिड़ियाघर की मान्यता फिर से बहाल करने पर विचार करेगी।

संशोधनों में सबसे मुख्य मुद्दा वन्यजीवों के बाड़ों को सीजेडए के दिशानिर्देश के अनुसार बनाना है। इसके साथ ही चिड़ियाघर में प्रवेश और निकास के लिए एकल मार्ग ही रखे जाने का मुद्दा भी है। महाराजबाग जू के इनचार्ज एसएस बावस्कर ने यह जानकारी देते हुए बताया कि शहर में चिड़ियाघर के अस्तित्व को बनाए रखने की मुहिम सफल रही है।

उल्लेखनीय है कि जू रूल्स 2009 के अंतगर्त आने वाले कई नियमों और आदेशों का पालन नहीं किए जाने के कारण सीजेडए महाराजबाग की मान्यता जारी रखने के आवेदन को अस्वीकार कर दिया है। इस बाबत जारी सीजेडए का पत्र 29 नवंबर को जारी किया गया था।

इसके पहले महाराजबाग को सीजेडए से पहला शोे कॉज नोटिस दस दिसंबर 1997 में जारी किया गया था। नोटिस में कहा गया था कि प्रबंधन या तो चिड़ियाघर को बंद कर दे या किसी बेहतर जगह पर शिफ्ट किया जाए। उसके बाद सीजेडए की टीम समय-समय पर चिड़ियाघर का मूल्यांकन कर रही थी।

अंतिम मूल्यांकन 2018 जनवरी में किया गया था। इस संबंध में केंद्र सरकार से अपील के बाद सीजेड ने मास्टर प्लान में संशोधन के लिए राजी हुआ।

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-सीजेडए के दिशानिर्देश के अनुसार चिड़ियाघर के मास्टर प्लान में बदलाव कर जल्द से जल्द प्रस्ताव भेज दिया जाएगा।

-एसएस बावस्कर, महाराजबाग जू के इनचार्ज

जू डिजाइनिंग एक्सपर्ट ग्रुप ने बताए ये सुधार

-मास्टर प्लान में चिड़ियाघर में रह रहे जीवों के बाड़ों और देखरेख में सुधार को प्राथमिकता। उनके बाड़ों को सीजेडए के दिशानिर्देश के अनुसार न्यूनतम स्थान उपलब्ध करना।

-चिड़ियाघर में फिलहाल जाे जीव नहीं हैं उनके लिए प्रस्तावित बाड़ों की जगह को मास्टर प्लान से हटाना और प्लान को उसके अनुसार सुधारना। उदाहरण के लिए चिड़ियाघर में फिलहाल सफेद बाघ नहीं हैं। प्लान में प्रस्तावित सफेद बाघ के बाड़ को हटाना।

-तेंदुए के बाड़े का क्षेत्रफल बढ़ाना और उसके खाना दिए जाने की जगह और आराम करने की जगह को एनिमल्स कलेक्शन प्लान के मुताबिक तैयार करना।

-ऐसे जानवर जो चिड़ियाघर में अकेले हैं उनके लिए जोड़े की व्यवस्था करना। फिलहाल महाराजबाग में टाइगर, स्लोथ बेयर और लंगूर के लिए जोड़े की व्यवस्था नहीं है।

– चिड़ियाघर आने वालों के लिए एक ही दिशा में भ्रमण का प्रावधान करना।

-चिड़ियाघर में प्रवेश व निकाल के लिए एकल द्वार की व्यवस्था और वर्तमान प्लान के दिखाए गए बहुमार्ग व्यवस्था में सुधार।

-लुप्तप्राय : प्रजाति क्षेत्र की जरूरत नहीं है। इसके लिए प्रस्तावित जगह को ग्रीन एरिया बनाया जाए।

– पशु चिकित्सा अस्पताल समेत अन्य स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं उचित स्थान पर स्थानांतरित किया जाए।

– सुधारित मास्टर प्लान में एनिमल्स कलेक्शन प्लान के तहत विस्तार से टाइम लाइन के साथ बताया जाए कि जीवों के लिए जोड़े की व्यवस्था और बाड़े काे सीजेडए के दिशानिर्देश के अनुसार बनाना शामिल हो।

और पढिये : नागपुर में होगा जीएपीआईओ का दसवां सम्मेलन, अगले वर्ष जनवरी में दुनिया भर में चिकित्सक जुटेंगे शहर में

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