नागपुर : कॉमेडी नाटक देखकर दर्शकों ने खूब ठहाके लगाए। राजेश चिटणिस प्रस्तुत मराठी नाटक “जय बोला प्रिय पत्नीची” का मंचन साईं सभागृह में किया गया। कॉमेडी नाटक में कलाकारों के अभिनय ने जान डाल दी। नाटक की निर्मिति राजेश्वरी चिटणीस, लेखक व दिग्दर्शक राजेश चिटणीस ने किया है। प्रकाश योजना अभिषेक बेल्लारवार की है। कलाकार सीमा सायरे, श्याम आस्करकर, अनिल पाखोडे, भावना चौधरी, हर्षाली काईलकर, वैभव नक्षणे और राजेश चिटणीस मुख्य भूमिका में हैं।
नाटक में जहां कॉमेडी, ट्रेजिडी रहा, वहीं उसने लोगों को सामाजिक संदेश भी दिया। वर्तमान समय में जो बदलाव देखा जा रहा है, उसे भी दिखाया गया है। जैसे पहले के समय में दुकानों में लिखा रहता था कि ग्राहक हमारे भगवान हैं और आजकल दुकानो में लिखा होता है कि आप सीसीटीवी की निगरानी में हैं। इस तरह नाटक में कुछ ऐसी पंचलाइनों ने दर्शकों को ठहाके लगाने पर मजबूर किया। नाटक की कहानी में दिखाया गया है कि पति-पत्नी और उनका बेटा साथ में रहते हैं। पति, पत्नी से तंग आ गया है। पति सोचता है कि काश मुझे कोई जादू की छड़ी मिल जाती, तो मैं जैसा चाहता, वैसा पत्नी करती। पत्नी पूरे समय मेरे उपर वॉच रखती है। पता नहीं कैसे छुटकारा मिलेगा।
भगवान मुझे कैसी पत्नी मिली, जो पूरे समय डांटती रहती है। इसलिए वो अपने बेटे के साथ पत्नी से छुटकारा दिलाने का प्लान बनाता है। नाटक में हर पल छोटी-छोटी नोंक-झोंक और लड़ाई-झगड़ा चलता रहता है। पति के बनाए प्लान में वो खुद ही उलझ जाता है और परेशान हो जाता है। लेकिन संस्पेंस तब खुलता है, जब पति को पता चलता है कि यह प्लान पत्नी ने ही बनाया है। फिर पत्नी, पति से कहती है कि हम पत्नियों को पति की चिंता होती है, इसलिए वे उनको रोकती-टोकती हैं। इसको वॉच करना नहीं चिंता करना कहते हैं। इस तरह पति को अपनी गलती का अहसास होता है और वो बोलता है ‘जय बोला प्रिय पत्नीची’
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