नागपुर : जलसंकट को लेकर मेंढेपठार के नागरिक जिला परिषद में आ धमके और प्रवेश द्वार पर मटके फोड़कर अपना आक्रोष व्यक्त किया। ग्राम पंचायत ने सत्तापक्ष पर गांव के कुछ इलाकों में जानबूझकर जलापूर्ति नहीं करने का आरोप लगाया। वहीं सरपंच दुर्गा चिखले ने इसे पानी को लेकर राजनीति किए जाने का पलटवार किया।
काटोल तहसील के मेंंढेपठार गांव में नल योजना है। ग्राम पंचायत के कुएं का पानी नल योजना से लोगों के घरों तक पहुंचाने की व्यवस्था है। फिलहाल ग्राम पंचायत कुएं की गाद निकालने का काम चल रहा है। जिला परिषद सदस्य चंद्रशेखर चिखले के खेत के कुएं का अधिग्रहण कर कनेक्शन नल योजना को जोड़ा गया है। नल के माध्यम से गांव में जलापूर्ति की जा रही है। नागरिकों ने आरोप लगाया कि, सरपंच अपनी समर्थक बस्ती में भरपूर जलापूर्ति कर रही हैं, जबकि विरोधकों की बस्ती में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है।
पिछले दाे महीने से गांव की 75 प्रतिशत बस्ती जलसंकट से जूझ रही है। ग्राम पंचायत में विपक्ष के 6 सदस्य है। जलसंकट को लेकर विपक्ष के सदस्यों ने आवाज उठाने पर उनकी आवाज को दबाया जाता है। हाल ही में ग्रामसभा हुई। कोरम पूरा हुआ। फिर भी विपक्ष भारी पड़ता देख हंगामा करवाकर सभा बर्खास्त की गई। सरपंच दुर्गा चिखले जिला परिषद सदस्य तथा पूर्व उपाध्यक्ष चंद्रशेखर चिखले की पत्नी है। जलसंकट के अलावा और भी अनेक मामलों में सत्तापक्ष द्वारा मनमानी किए जाने के आरोप लगाए गए। जिला परिषद में अध्यक्ष निशा सावरकर से मिलकर मांगों का ज्ञापन सौंपा गया।
नागरिकों की समस्या सुनकर जिला परिषद अध्यक्ष ने एसडीओ को पत्र भेजकर जलसंकट का जायजा लेने के निर्देश दिए । अधिग्रहित कुएं से जलापूर्ति में अनियमितता हो रही होगी, तो दूसरे अन्य कुओं का अधिग्रहण की संभावना तलाशने की सलाह दी गई। इस समस्या का हल होने तक तत्काल प्रभाव से जलसंकटग्रस्त क्षेत्र में टैंकर से जलापूर्ति करने के निर्देश दिए गए।
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