पेशावर: पाकिस्तान के पेशावर शहर में मंगलवार रात एक चुनावी बैठक में हुए संदिग्ध आत्मघाती विस्फोट में अवामी नेशनल पार्टी (ए एन पी) के नेता हारून बिल्लौर सहित कम से कम 14 लोग मारे गए। याकातूत इलाके में हुए इस धमाके में 65 से अधिक लोग घायल भी हुए हैं जिन्हें पास के लेडी रीडिंग अस्पताल भेजा गया है।
विस्फोट तब हुआ जब बिल्लौर और ए एन पी के कार्यकर्ता पार्टी की एक बैठक के लिए एकत्र हुए। बिल्लौर के मंच पर पहुंचने पर वहां पटाखे चलाए जा रहे थे कि तभी एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को विस्फोट से उड़ा लिया।
डॉन अखबार के मुताबिक विस्फोट में बिल्लौर गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। राहत एवं बचाव टीम घटनास्थल पर हैं और घटना की जांच शुरू कर दी गई है। बिल्लौर के पिता एवं ए एन पी के वरिष्ठ नेता बशीर अहमद बिल्लौर भी 2012 में पेशावर में पार्टी की एक बैठक के दौरान तालिबान के हमलावर द्वारा किए गए आत्मघाती हमले में मारे गए थे।
एनपीए ने खैबर पख्तुनख्वा प्रांत में 2008 से 2013 तक सरकार चलाई थी। यह लंबे समय से आतंकियों के निशाने पर था। 2013 के चुनाव में भी एनपीए के 100 से ज्यादा नेताओं को आतंकियों ने मौत के घाट उतार दिया था।
पहले ही जताई गई थी आशंका
पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी एजेंसी ने राजनीतिक पार्टियों के नेताओं पर पहले ही हमले की आशंका जताई थी। एजेंसी ने चेताया था कि 25 जुलाई को होने वाले आम चुनावों के लिए प्रचार रैली के दौरान आतंकवादी इन नेताओं को निशाना बना सकते हैं। राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी अधिकरण (एनएसीटीए) ने कहा था कि उसने संघीय एवं प्रांतीय गृह मंत्रालयों के साथ ही कानून प्रवर्तन एजेंसियों को 12 अलर्ट भेजे हैं।
डॉन समाचारपत्र ने एजेंसी के हवाले से बताया था कि पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल – एन) समेत राजनीतिक पार्टियों के नेतृत्व और छह हस्तियों को चुनाव के दौरान निशाना बनाया जा सकता है।
सीनेट की गृह मामलों की स्थायी समिति के समक्ष विवरण देते हुए एनएसीटीए के निदेशक ओबैद फारुक ने बताया था कि इन छह लोगों में पाकिस्तान तहरीक – ए – इंसाफ प्रमुख इमरान खान , आवामी नेशनल पार्टी के नेता असफंदयार वली और अमीर हैदर होती , कौमी वतन पार्टी के अध्यक्ष अफताब शेरपाउ , जमियत उलेमा – ए – इस्लाम – फजल नेता अक्रम खान दुर्रानी और हाफिज सइद के बेटे तलहा सइद का नाम शामिल है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान चुनाव आयोग के सचिव बब्बर याकूब समिति को पहले ही सूचित कर चुके हैं कि 25 जुलाई को होने वाले आम चुनावों के दौरान हिंसा होने का अंदेशा है और उन्होंने निर्देश दिया था कि ऐसे अलर्ट को गंभीरता से लिया जाए।
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