नागपुर : देश की जिम्मेदारी आपके कंधों पर है, देश की दिशा आपको तय करनी होगी क्योंकि हमारे देश का भविष्य आपके हाथों में है। यह आपकी क्षमताओं पर निर्भर करता है कि आप कौन-सी भूमिका निभाने वाले हैं। यह बात कही भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत (यूवाईएसएम, एवीएसएम, वाईएसएम, एसएम, वीएसएम व एडीसी) ने वे शनिवार को कस्तूरचंद पार्क में आयोजित भोसला मिलिट्री स्कूल के 23वें वार्षिक समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।
इस मौके पर विशेष रूप से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, सेंट्रल हिंदू मिलिट्री एजुकेशन सोसायटी, नागपुर डिवीजन के अध्यक्ष सूर्यरतन डागा, सचिव कुमार काले, भोसला मिलिट्री स्कूल के अध्यक्ष शैलेश जोगलेकर, भोसला मिलिट्री स्कूल कमांनडेंट व सेनानिवृत्त जे.एस.भंडारी उपस्थित थे।
आगे सेना प्रमुख ने कहा कि जानकारी और शिक्षा में एक बड़ा अंतर होता है। जानकारी किताबों, इंटरनेट पर सर्च करके और अन्य माध्यमों से मिल सकती है लेकिन शिक्षा संस्कृति, परम्परा, उच्च मानकों और भोसला मिलिट्री स्कूल जैसे स्कूलों से ही प्राप्त की जा सकती है। आपने स्वयं को खूबसूरत अवसर वाली दिशा के लिए चुना है। डिफेंस में आपका स्वागत है आप अपनी क्षमता के अनुसार सेना का चयन करें। आर्मी का आधार हमेशा समानता, शिक्षा, न्याय, अखंडता, ईमानदारी, त्याग की भावना से काम करता है और इन सब में हमारे लिए देश पहले है।
सेना प्रमुख जरनल रावत ने कहा कि सोशल मीडिया का हम यदि अच्छे तरीके से उपयोग करते हैं तो वह हमारे लिए उत्कृष्ट माध्यम है। दुनिया बहुत अधिक इंटरकनेक्टेड हो गई है। सोशल मीडिया हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है लेकिन उसका उपयोग बहुत ही सीमित होने से सिर्फ गेम, गाने, फिल्म आदि के लिए उपयोग किया जा रहा है। जबकि इसका उपयोग हम बहुत ही अच्छे तरीके से कर सकते हैं। शिक्षा के अलावा गणित और विज्ञान की जटिलता के समाधान के लिए, पर्यावरण के प्रति जागरुकता और अविष्कारों का प्रचार दुनिया में करने के लिए कर सकते हैं।
जिसके बाद मुख्यमंत्री फडणवीस ने अपने भाषण में कहा कि भारतीय का सैन्य करण और सेना का भारतीय करण का उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति को अनुशासित करना है। हम देशभक्ति से ओतप्रोत होंगे तो अच्छा समाज बना पाएंगे। हम तेजी से तरक्की कर रहे हैं और हमारे देश दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रही है। विकसित राज्य जब बढ़ापे की श्रेणी में होंगे तब हमारा देश २९ वर्ष की औसत आयु के साथ युवा दिखाई देगा। हमारा इतिहास स्वर्णित रहा है, वर्तमान चुनौति देने वाला है और भविष्य स्वर्णिम रहेगा। सभी का सेना में शामिल होकर देशसेवा करने का सपना होगा लेकिन सब नहीं जाएंगे। शेष समाज में रहकर श्रेष्ठ समाज के लिए काम करेंगे। देशभक्ति के लिए स्वामी विवेकानंद का उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा देश के लिए विचार कर नींद से जागने, मन में विचार करने और फिर भले छोटी सी ही सही पर शुरुआत करेंगे तब देशभक्त बनेंगे। इस अवसर पर प्रमुख रूप से सेना प्रमुख की पत्नी मधुलिका रावत उपस्थित थीं।
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