सरकार के सामने झुक गई आरएसएस की विचारधारा पहले भागवत निर्णय लेते थे अब मोदी लेते हैं – प्रवीण तोगड़िया

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नागपुर : अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने कहा है कि सत्ता के सामने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा झुक गई है। समय के साथ विचारधारा बदलते रहती है। लेकिन यहां तो सत्ता के लिए तोते की भांति बोलने लगे हैं। पहले संघचालक निर्णय लेते थे अब मोदी चालक निर्णय लेते हैं। संघ की स्थापना हिंदुओं के सम्मान की रक्षा के लिए हुई थी। अब हिंदू की व्याख्या ही बदलने लगी है। संघ व भाजपा का मुस्लिमीकरण होने लगा है। तोगडिया ने यह भी कहा कि हिंदुओं को जगाने की आवश्यकता नहीं है। वे जागे हुए हैँ। सोने का रोल कर रहे मोदी को जगाने की आवश्यकता है। सरसंघचालक चाहे तो माेदी से संसद में मंदिर कानून पास करवाकर विजयादशमी उत्सव में उनका सत्कार कर सकते हैं। तोगडिया ने यह भी कहा कि उनका संगठन अयोध्या में रैली लेकर पहुंचनेवाला है। संगठन की आेर से 2019 के लोकसभा चुनाव में राजनीतिक विकल्प भी देने की तैयारी है। रविवार को महात्मा फुले सभागृह में पत्रकार वार्ता में श्री तोगडिया ने आरएसएस व भाजपा को लेकर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि अयोध्या में मंदिर बनाने के मामले में प्रधानमंत्री मोदी ही बाधा बने हुए हैं। भाजपा ने आरंभ से ही संसद में कानून बनाकर अयोध्या में मंदिर निर्माण की बात कही है। भाजपा के पालनपुर अधिवेशन में इस संबंध में प्रस्ताव भी पारित किया गया। लेकिन अब केवल सत्ता की राजनीति की जा रही है। एससी,एसटी कानून बनाने का मामला संसद में लाया गया लेकिन अयोध्या मंदिर का मामला संसद में नहीं लाया जा रहा है। आरएसएस का अनुशासन हिंदुओं से विश्वासघात पर चलने लगा है। पत्रकार वार्ता में किशोर दिकोंडवार, विक्की पांडे,मोतीलाल चौधरी, गजेंद्रसिंह ठाकुर उपस्थित थे।

आरएसएस व भाजपा दबा रही आवाज
अयोध्या में मंदिर निर्माण की आवाज को आरएसएस व भाजपा दबा रही है। मंदिर निर्माण के संबंध में आरएसएस के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी के साथ एक बार विहिप के पदाधिकारियों की बैठक करायी थी। प्रधानमंत्री ने मंदिर निर्माण के संबंध में समयबद्ध कार्यक्रम की मांग की थी। श्री जोशी ने डेढ़ वर्ष तक विहिप की मांग पर ध्यान नहीं दिया। सरसंघचालक डॉ.भागवत विहिप के कार्यालय में आए थे तब उनके सामने भी बात रखी थी। लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। सितंबर 2017 में श्री जोशी व उनकी टीम ने कह दिया कि कि संसद से मंदिर निर्माण का कानून बनाने की मांग को छोड़ देंं। तब विहिप के 6 पदाधिकारी झुक गए। मैं नहीं झुका । अक्टूबर अंत में उड़प्पी कर्नाटक में 15 वी धर्मसंसद में भी मंदिर निर्माण के प्रस्ताव को आरएसएस व भाजपा ने दबा दिया।

मोदी को हिंदुओं का वकील बनाया था ,मुस्लिमों की बीवियों के वकील बन गए, प्रधानमंत्री मोदी से किसी तरह की ईर्ष्या नहीं है। उनके स्थान पर भाजपा का कोई भी व्यक्ति प्रधानमंत्री रहता तो उनको मंदिर निर्माण का वादा याद कराया जाता। मोदी को देश ने हिंदुओं का वकील बनाकर सत्ता में भेजा था, वे मुस्लिमों की बीवियों के वकील बन गए। मंदिर निर्माण का कानूून लाने के बजाय ट्रिपल तलाक पर कानून ले आए। चले तो थे कांग्रेसमुक्त करने , भाजपा को ही कांग्रेसयुक्त कर बैठे। मस्जिद के रास्ते पर गए, वालमार्ट के रास्ते पर गए लेकिन मंदिर का रास्ता नहीं दिखा।

सरसंघचालक से 3 सवाल
-मुसलमान के बिना हिुदुत्व नहीं कहते हो फिर ये भी बता दो लव जेहाद, कश्मीर में पत्थर , आतंक में हाथ बंटानेवालों के बिना हिदुत्व नहीं हो सकता है क्या।
– 90 साल बाद आपको गोलवलकर की विचारधारा गलत लग रही है। कल कहने लगोगे,मुस्लिमों के बिना देश नहीं। ऐसा क्यो।
-हिंदू क्या है,यह भी बता दो। हिंदू कैसा हो,यह निर्णय लेने का अधिकार आपको किसने दिया है।

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