नागपुर :- देश की बेटियों के लिए शुरू की गई ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाआे’ योजना नागपुर में लागू नहीं होने का गंभीर खुलासा आरटीआई में हुआ है। यह जानकारी प्रशासन द्वारा 31 मई 2018 तक की दी गई है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी के गृह नगर में महिला व बाल विकास विभाग ने राज्य की उपराजधानी नागपुर को इस लायक ही नहीं समझा इस पर आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक़ महिला व बाल विकास विभाग ने 2015 में शासन का निर्णय जारी कर ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाआे’ योजना राज्य के 10 जिलों में लागू की थी। विभाग ने 2016 में आैर एक शासन निर्णय जारी कर इस योजना का दायरा बढ़ाते हुए इसे आैर 6 जिलों में लागू किया। वर्तमान में यह योजना राज्य के जिन 16 जिलों में लागू है, उसमें नागपुर या नागपुर विभाग के तहत आनेवाले 6 जिले नहीं हैं।
नागपुर विभाग के तहत नागपुर, वर्धा, चंद्रपुर, भंडारा, गोंदिया व गड़चिरोली जिला आता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाआे’ का नारा दिया था आैर इसे देश भर में लागू करने की घोषणा की थी। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाआे’ के लिए राज्य शासन व प्रशासन की ओर से कई कदम उठाए गए।
स्त्री भ्रूण हत्या इसी में से एक है आैर इसकी रोकथाम के लिए जिला प्रशासन ने काम भी किया। स्त्री भ्रूण की जांच करनेवाले सेेंटरों की अनुमति तक रद्द की गई। संदिग्ध सेंटरों को नोटिस जारी किए गए। इसी तरह जो बच्चियां किसी कारण पढ़ नहीं पातीं, उनके लिए शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन ने कई योजनाएं चलाई। प्रशासन अपने स्तर पर ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाआे’ के कार्यक्रम लेता है, किन्तु सरकारी योजना में नागपुर शामिल नहीं होने से इस योजना के तहत मिलनेवाले अनुदान व सुविधाआें से नागपुर शहर वंचित रह गया है।
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