नागपुर : शहर में पानी की समस्या पर गुरुवार 20 जून को मनपा की आमसभा में विपक्ष और सत्तापक्ष दोनों ने स्थगन प्रस्ताव रखा। स्थगन प्रस्ताव प्रश्नकाल के पहले सुनने के मामले पर जमकर बहस हुई। सत्तापक्ष नेता ने कहा कि दिसंबर माह में पानी की सभा की रिपोर्ट 6 माह भी ना देने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्णय लिया गया कि उक्त कार्रवाई की रिपोर्ट 28 जून तक नहीं आई तो मामले का जिम्मेदार मनपा आयुक्त को माना जाएगा और विभाग प्रमुख सहित संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। इस पर कार्यकारी महापौर ने सूचना को मंजूरी दे दी।
आमसभा में पानी के विषय पर स्थगन प्रस्ताव के चलते शुरुआत से ही हंगामा खड़ा हो गया। कांग्रेस नगरसेवक प्रफुल्ल गुड़धे और भाजपा नगरसेवक धर्मपाल मेश्राम ने पानी की समस्या को लेकर स्थगन प्रस्ताव रखा। विपक्ष के सवालों पर जवाब देते हुए सत्तापक्ष नेता संदीप जोशी ने कहा कि मुझे प्रशासन पर तीव्र नाराजगी है कि दिसंबर माह की कार्रवाई की रिपोर्ट अब तक नहीं दी गई यह बहुत ही गलत बात है। यदि मामले की रिपोर्ट 28 जून तक नहीं दी तो मामले का जिम्मेदार मनपा आयुक्त अभिजीत बांगर को माना जाएगा और विभाग प्रमुख व संबंधित अधिकारियों पर तत्काल निलंबन की कार्रवाई की जाएगी। इन पर कार्रवाई करने की अधिकारी हमारे पास है।
नगरसेवक गुड़धे आपत्ति दर्ज करवाते हुए कहा था कि 6 माह पूर्व दिसंबर में भी पानी के विषय को लेकर सभा हुई थी लेकिन हैरानी की बात यह है कि अब तक उसकी रिपोर्ट नहीं आई ऐसे में चर्चा करने से कोई अर्थ नहीं निकलने वाला है। जवाब देना होगा कि कार्रवाई की रिपोर्ट क्यों नहीं दी गई। पानी का संकट शहर में गहराया हुआ है और आचार संहिता खत्म हुए करीब एक माह हो चुका है लेकिन उसके बाद भी सत्तापक्ष गंभीर नहीं है।
पालकमंत्री ने बयान दिया कि पानी की कमी नहीं है। मीडिया विपक्ष पर सवाल खड़े कर रही है, मैं पूछता हूं कि यदि कोई आंदोलन नहीं करेगा तो क्या पानी की कमी नहीं मानी जाएगी। चर्चा में संदीप सहारे, नितीन साठवणे, जितेन्द्र घोड़ेस्वर, कमलेश चौधरी आदि नगरसेवकों ने हिस्सा लिया।
ओसीडब्ल्यू पर हो एफआईआर
विपक्ष नेता तानाजी वनवे ने कहा कि नागरिकों को गंदा पानी देने वाली बांटने वाली ऑरेंज सिटी वॉटर (ओसीडब्ल्यू) पर एफआईआर किया जाए। पानी की टंकी से लाखों लीटर पानी फैलता रहता है, पानी का लीकेज अब तक ओसीडब्ल्यू बंद नहीं कर पाई है।
विपक्ष नेता पर कांग्रेस नगरसेवक ने उठाई उंगली
कांग्रेस नगरसेवक हरीश ग्वालबंशी ने कहा कि विपक्ष नेता का काम सत्तापक्ष को आईना दिखाने का होता है लेकिन हमें समझ ही नहीं आता कि विपक्ष नेता किसकी तरफ है या फिर वह सत्तापक्ष से मिले हुए है। तालाबों के रखरखाव पर जमकर प्रशासन को घेरा और गोरेवाड़ा में रास्ता ना मिलने के कारण जेसीबी खड़ी होने पर जनता के पैसे का दुउर्पयोग होने का आरोप लगाया। सवालों पर जलप्रदाय कार्यकारी अभियंता श्वेता बनर्जी ने बताया कि वह पहले 730 एमएलडी पानी देते थे और अभी 670 से 680 एमएलडी पानी सप्लाई कर रहे है अब तक सिर्फ 40 एमएलडी पानी की कटौती की गई है।
महापौर पर फेंके पर्चे
पानी के विषय पर चर्चा का मौका ना देने से नाराज निर्दलीय नगरसेविका आभा पांडे गुस्सा में आकर गैलरी में पहुंच गई और महापौर के ऊपर पर्चे फेंक दिए। वह बोली की दादागिरी चल रही है कोई सुनने के लिए तैयार नहीं है। मैं ऐसी सभा का बहिष्कार करती हूं।