नागपुर : नागपुर मध्यवर्ती कारागृह में पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्म दिवस (बाल दिवस) के मौके पर जेल में सजा काट रहे कैदियों की उनके बच्चो के साथ मिलने का मौका दिया गया | “पापा घर कब आओगे” इस सवाल का जवाब वह दे नहीं पा रहा था | चार दीवारी में बंद वह बिना परिवार के कैसे जी रहा है यह बात बच्चो से बया भी नहीं कर सकता था | जी हां हम बात कर रहे है जेल में बंद कैदियों की |
“गळा भेट” इस का कार्यकम का आयोजन कारागृह प्रशासन की ओर से किया गया था | इस वर्ष कैदियों ने अपने बच्चो से मिलने के लिए निवेदन किया था |जिसके अनुसार १६ से कल उम्र वाले बच्चो को मिलने का अवसर जेल प्रशासन ने उन्हें मुहैय्या कराया था | कारागृह अधीक्षक रानी भोसले ने बताया की इस वर्ष इस कार्यक्रम में बच्चो को मिलने के लिए १२७ कैदियों ने आवेदन किया था | जिसमे दो तीन वर्षो से आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे कैदी शामिल थे | तीन महिला कैदी और मुर्त्यूदंड की सजा काट रहे ७ कैदियों ने अपने बच्चो से मुलाक़ात की |
इस कार्यक्रम के लिए २८९ बच्चो का नाम दर्ज किया गया था | अपने पिता से मिलने आ रहे बच्चो को पिता की ओर से कुछ दिया जा सके इसके लिए खाद्यपदार्थ, चॉकलेट, मिठाई आदि की व्यवस्था कारागृह प्रशासन की ओर से की गई थी | पत्थर दिल कैदी होने के बावजूद भी बच्चो से मिलने के बाद कई कैदियों के आँखो से आंसू निकल पड़े | जेल में सुबह ९ से ५ बजे तक यह पिता और बच्चो का मिलने का कार्यक्रम चलता रहा |
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