भारत की सबसे ज्यादा हायरिंग करने वाली कंपनियों में से एक टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज अब इंजिनियरिंग ग्रैजुएट्स को नियुक्त करने के अपने तरीके में बदलाव लाने जा रही है। टीसीएस अब अपनी नियुक्ति प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल बनाने जा रही है। साथ ही इससे कंपनी अब पुरानी नियुक्ति प्रक्रिया पर कम निर्भर रहेगी जहां वह कॉलेजों के कैंपस में जाकर हायरिंग करती थी।
टीसीएस ने ‘नैशनल क्वॉलिफायर टेस्ट’ नाम का एक पैन इंडिया ऑनलाइन टेस्ट शुरू किया है। इस टेस्ट के बाद कंपनी चयनित उम्मीदवारों का इंटरव्यू या विडियो इंटरव्यू भी लेती है। कंपनी का कहना है कि ऑनलाइन टेस्ट की मदद से वह दूर-दराज के छात्रों तक भी पहुंच पा रही है। साथ ही इससे कंपनी की नियुक्ति प्रक्रिया 3 से 4 हफ्तों में पूरी हो जाती है। पहले कंपनी 370 कॉलेजों में जाकर छात्रों की हायरिंग करता था। अब ऑनलाइन टेस्ट की वजह से टीसीएस 2,000 कॉलेजों तक पहुंच पा रही है।
कंपनी के डिजिटल प्लैफॉर्म iON पर टेस्ट के लिए 24 राज्यों के 100 शहरों से 2,80,000 छात्रों ने रजिस्टर किया था। यह पुराने तरीके से रजिस्टर करने वाले छात्रों से 175 प्रतिशत अधिक था। टीसीएस के ग्लोबल ह्यूमन रिसोर्स के हेड अजॉय मुखर्जी ने कहा कि कंपनी नियुक्ति के अपने पारंपरिक तरीके को बदल नहीं रही बल्कि उसे करने के तरीके को बदल रही है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन टेस्ट की मदद से नियुक्ति प्रक्रिया 3 से 4 हफ्तों में खत्म हो जाती है। उन्होंने कहा कि अब कंपनी दूर-दराज के इलाकों में नहीं जाती बल्कि अब उम्मीदवार किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज या iON सेंटर पर इंटरव्यू के लिए आ जाते हैं।
साथ ही उन्होंने बताया कि आईआईटी, एनआईटी, आईआईएम जैसे संस्थानों में पारंपरिक तरीके से ही नियुक्ति जारी रहेगी। हालांकि इस प्रक्रिया में नियुक्ति कम लोगों की भी हो सकती है। कंपनी ने इस बात पर टिप्पणी करने से मना कर दिया कि वह पिछले साल के मुकाबले इस साल कितने ग्रैजुएट्स को हायर करेगी।
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