इस साल विश्वविद्यालय में 76 % सीटें आरक्षित, ओपन कोटा महज 24 प्रतिशत

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नागपुर : राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय की शैक्षणिक सत्र 2019-20 की प्रवेश प्रक्रिया में  करीब 76 प्रतिशत सीटें आरक्षण के माध्यम से भरी जाएंगी। नागपुर विश्वविद्यालय के विविध विभागों और संलग्न कॉलेजों में पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों की करीब 25 हजार, तो अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों की करीब 1 लाख 25 हजार के सीटें है। विवि की प्रवेश प्रक्रिया में अब तक एससी-एसटी, ओबीसी, वीजेएनटी मिला कर 50 प्रतिशत सीटों पर आरक्षण होता था। राज्य सरकार ने 8 मार्च को जीआर जारी कर विवि को अपने यहां 16 प्रतिशत मराठा आरक्षण और 10 प्रतिशत सवर्ण आरक्षण लागू करने के निर्देश दे रखे है। ऐसे में अगले महिने विवि जो प्रोस्पेक्टस जारी करेगा उसमें करीब 76 प्रतिशत सीटों पर आरक्षण होगा। महज 24 प्रतिशत सीटों पर ही खुले प्रवर्ग व अन्य विद्यार्थियों को प्रवेश मिल सकेगा।

इस वर्ष नागपुर विवि से संलग्न कॉलजों में आर्ट्स की 40 हजार, कॉमर्स की 30 हजार, साइंस की 35 हजार, होम साइंस की 400 और होम इकोनॉमिक्स की 500 सीटें हैं। इसी तरह पीजी में एमए की 12 हजार 500 सीटेंं, एमएससी में 2000 सीटें, एमसीएम में 1200 सीटें, एमएसडब्ल्यू में 100 सीटें है। वहीं इंजीनियरिंग और फार्मसी की करीब 30 हजार सीटें सीईटी सेल के माध्यम से भरी जाती है।

सवर्ण आरक्षण के लिए सीटें बढ़ाएंगे या नहीं इस पर संभ्रम

केंद्र सरकार द्वारा सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण लागू किया है। जनरल श्रेणी के विद्यार्थी, जिनकी पारिवारिक आय 8 लाख रुपए प्रतिवर्ष से कम है, वे इस योजना के लिए लाभार्थी होंगे । राज्य सरकार ने 8 मार्च को जीआर जारी करके मराठा और सवर्ण आरक्षण लागू करने के निर्देश विवि को दिए थे। इस पर विवि ने मराठा आरक्षण पर तो हल निकाल लिया है। बस सवर्ण श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर तबके (ईडब्लूएस) के लिए आरक्षण कैसे लागू करना है इस पर संभ्रम है। वो यूं कि  इस ईडब्लूएस कोटे में प्रवेश देने के लिए सीटें बढ़ाने का प्रावधान है। सरकार ने अपने जीआर में कहीं भी विवि को सीटें बढ़ाने के आदेश नहीं दिए है। इसी को लेकर राज्य सरकार से विवि स्पष्टीकरण की मांग कर सकता है। विवि के अधिकारी भी स्पष्ट नहीं है कि विवि में इसी साल से सवर्ण आरक्षण लागू होगा या नहीं। अधिकारी भी इसको लेकर हां और ना के दो धड़ों में बंटे हुए है। इसिलिए सवर्ण आरक्षण के मुद्दे पर विवि में फिलहाल वेट एंड वॉच की स्थिति है।

और पढिये : तर महाराष्ट्रात आरक्षण देण्याची गरज पडणार नाही : राज ठाकरे

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