नागपुर : दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र ने परिसर में 26 दिसंबर से 4 जनवरी 2019 तक “भित्तिचित्र कार्यशाला‘ का आयोजन किया है। कार्यशाला का उद्घाटन बुधवार को केंद्र के उपनिदेशक मोहन पारखी, कार्यक्रम अधिकारी गोपाल बेतावर की उपस्थिति में किया गया। भारतवर्ष के विविध राज्यों की आदिवासी शिल्पकला, चित्रकला का प्रचार-प्रसार तथा युवा पीढ़ी को इस कलाशैली से अवगत कराना कार्यशाला का उद्देश्य है।
कार्यशाला में केंद्र के सहभागी राज्यों के आदिवासी कलाकारों को आमंत्रित किया गया है, जिसमे छत्तीसगढ़ के रजवाड आदिवासी शैली, मध्यप्रदेश की माडिया आदिवासी शैली तथा मंडला आदिवासी शैली, झाबुआ की भील आदिवासी शैली, महाराष्ट्र की वारली आदिवासी शैली आदि कला शैली के कुल 40 कलाकारों द्वारा केंद्र परिसर में स्थायी रूप में निर्मित आदिवासी झोंपड़ी का दुरुस्तीकरण, रंगरोगन तथा म्यूरल पेंटिंग आदि नवीनीकरण कार्य आरंभ किया जा रहा है। कार्यशाला में सहभागी होने की इच्छा रखने वाले इन आदिवासी कलाकारों के साथ में चित्रांकन तथा शिल्पांकन कार्य कर अपना सहयोग दे सकते हैं। कार्यशाला पूर्णतः नि:शुल्क हैै। कार्यशाला प्रतिदिन सुबह 11 से शाम 7 बजे तक होगी।
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