नागपूर :- ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) ने लंबे समय से डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के साथ केन्द्र और राज्य के करों को कम करने की मांग को लेकर आज से देशव्यापी हड़ताल शुरू की है। यूनियन के मुताबिक़ एआईएमटीसी लंबे समय से डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के साथ केन्द्र और राज्य के करों को कम करने की मांग कर रहा है, किन्तु सरकार की तरफ से अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिल रहे हैं, जिससे परेशान होकर ट्रांसपोर्टर्स यूनियन अब अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए हैं। यह हड़ताल तब तक जारी रहेगी जब तक एआईएमटीसी की मांगें पूरी नहीं हो जाती।
हड़ताल के चलते नागपुर से जानेवाले कई महामार्ग पर ट्रक और निजी बसे कतार में पार्क किये गए थे I नागपुर – अमरावती महामार्ग पर सेकड़ो वाहन रोड के किनारे खड़े देखने को मिले I इस हड़ताल की मांग डीजल को जीएसटी के दायरे में लाकर केंद्रीय एवं राज्य के करों में कटौती ट्रांसपोर्टरों की जाय यह मुख्य मांग है अगर ऐसा होता है तो इसका असर डीजल की कीमतों पर होगा और डीजल की कीमतों मे राहत मिल पाएगी। एआईएमटीसी ने यह भी मांग की है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में हर रोज नहीं बल्कि 3 महीने में संशोधन हो, ट्रांसपोर्टर के लिए टोल बैरियर खत्म हो, थर्ड पार्टी बीमा में जीएसटी में छूट दी जाए और ट्रांसपोर्ट व्यापार पैट टीडीएस खत्म किया जाए। यूनियन का कहना है कि टोल राजस्व पारदर्शी होना चाहिए, यूनियन इसके खिलाफ नहीं है पर हम इसके कलेक्शन की कार्यप्रणाली में बदलाव चाहते हैं क्योंकि इसमें बहुत सी खामियां है और गैर-पारदर्शी है।
यूनियन ने यह दावा किया है कि इस हड़ताल में देश भर के करीबन 95 लाख ट्रकों ने चक्का जाम किया है। बता दे की पेट्रोल और डीजल के बढ़े हुए दाम और कटौती में कंजूसी से नाराज ट्रक ड्राइवर्स पहले भी देशव्यापी हड़ताल कर चुके हैं लेकिन सरकार की तरफ से सिर्फ आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला जिसके चलते आज एक बार फिर ट्रांसपोर्टरों की सबसे बड़ी यूनियन ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने देशव्यापी शुरू की है।