‘ब्रह्मनाद’ में नासिर खान ने छेड़ी सितार पर तान

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नागपुर: दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से परिसर सभागृह में रविवार को आयोजित ‘ब्रह्मनाद’ में सितार वादक नासिर खान एवं मुंबई के विख्यात शास्त्रीय गायक आदित्य खांडवे की प्रस्तुतियां लोगों को मुग्ध कर दिया।

कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ. चंद्रहास जोशी, दीपाली खिरवडकर, मृदुला सुदामे, केंद्र के निदेशक डॉ. दीपक खिरवडकर एवं उप-निदेशक मोहन पारखी ने किया। नासिर खान ने सितार वादन से कार्यक्रम की शुरुवात की। उन्होंने ‘राग-ललित’ से शुरू कर जोड़, आलाप झाला के बाद त्रिताल मध्यलय में बंदिशें पेश कीं। नासिर ने ‘मिश्र धुन’ से अपनी प्रस्तुति का समापन कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्हें तबले पर हर्षल ठाणेकर ने संगत की।

केन्द्र निदेशक डॉ. खिरवडकर ने ‘ए’ टॉप ग्रेड मिलने पर नासिर खान को सम्मानित किया एवं संक्षिप्त में अपने विचार रखे। इसके बाद आदित्य खांडवे ने नादपूर्ण शास्त्रीय/उप-शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति से रसिकों का दिल जीता। उन्होंने अपनी प्रस्तुति की शुरूवात राग ‘मियां की तोड़ी’ में विलंबित त्रिताल में ‘मोरे मन गा…’ इस पारंपारिक बंदिश से की। पश्चात राग ‘अल्हैया बिलावल’ में द्रुत त्रिताल में ‘बंदिश’ प्रस्तुत की। आदित्य ने अपनी प्रस्तुति का समापन श्रोताओं को ‘अल्हैया बिलावल’ में ‘तराना’ सुनाकर किया। उन्हें तबले पर संदेश पोपटकर, संवादिनि पर श्रीकांत पिसे एवं तानपुरे पर प्रियंका मस्के ने संगत की।

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