नागपुर :- शहर में पहली बार किसी पुलिस आयुक्त ने सड़क पर वाहन रोककर स्कूल से बंक मार कर घूमने वाले बच्चों से बातचीत कर बच्चों के मित्र बनकर आयुक्त ने उन्हें सीख दी। बच्चों काे अपनी गलती का अहसास कराने के बाद पुलिस आयुक्त डॉ. भूषणकुमार उपाध्याय जब वाहन में बैठने लगे तब बच्चों ने उनके साथ तस्वीर खिंचाने की जिद की।
पहले तो उन्होंने फोटोग्राफी से मना किया लेकिन चंद सेकेंड बाद ही सभी बच्चों के साथ तस्वीर खिंचवाकर पूरे लम्हे काे यादगार बना दिया। पुलिस आयुक्त की इस दरियादिली से स्कूली बच्चे इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने भी आगे चलकर पुलिस अधिकारी बनने का वादा किया।
उपराजधानी में पुलिस आयुक्त डॉ. भूषणकुमार उपाध्याय का आम नागरिको से पेश आने का तरिका देखने आया है। स्कूल से बंक मारकर घूमनेवाले १० -१५ छात्रों को एक दोस्त की तरह समझाया, वह भी सड़क किनारे पुलिस वाहन को रुकवाकर।
जानकारी के अनुसार गत दिनों पुलिस आयुक्त डॉ. भूषणकुमार उपाध्याय गश्त पर निकले थे। इस दाैरान फुटाला तालाब, वायुसेना नगर मार्ग पर उन्हें कुछ स्कूली बच्चे गणवेश पहने नजर आए। सभी बच्चे इधर-उधर घूम रहे थे। पुलिस आयुक्त ने वाहन चालक को उनके पास कार रोकने को कहा।
जैसे ही पुलिस की गाड़ी रुकती छात्र भागने लगे, तब पुलिस आयुक्त ने बड़े ही प्यार से कहा- पुलिस से भागो मत, पुलिस को अपना दोस्त समझो। बच्चों के रुकने के बाद पुलिस आयुक्त ने उनसे चर्चा शुरू की। 20 मिनट तक बच्चों के साथ वह बातचीत करते रहे। उन्होंने इस तरीके से मार्गदर्शन किया कि स्कूल से बंक मारने वाले इन बच्चों ने आगे से स्कूल से बंक न मारने की कसम खाई। इतना ही नहीं बच्चों ने कहा कि वे भी उनके जैसा ही पुलिस अधिकारी बनेंगे।
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