नागपुर : भरतनाट्यम गुरु किशोरी तथा कशोर हम्पीहोली की शिष्या पलक अग्रवाल ने रविवार को वसंतराव देशपांडे सभागृह में अरंगेत्रम की प्रस्तुति उपस्थितों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
भारतीय शास्त्रीय नृत्य भरतनाट्यम की परपंरा के अनुसार शिष्य एकल प्रस्तुति के लायक हो जाने पर गुरु के समक्ष प्रस्तुति देता है, जिसे अरंगेत्रम कहते हैं। प्रदर्शन से संतुष्ट होने गुरु शिष्य को एकल प्रस्तुति की अनुमति प्रदान करते हैं। परंपरानुसार पलक ने कई रागों तथा ताल मलिका से सजी मंगल प्रार्थना से प्रस्तुति की शुरुआत की। इस नृत्य की रचना पद्मश्री अड्यार लक्ष्मण के द्वारा की गई है। इसके साथ ही शब्दम विभाग में तंजावर पिल्लइ रचित पद्मश्री अड्यार के लक्ष्मण के नृत्यपट, वर्णम में रुक्मणी देवी अरुंदले द्वारा आनंद भैरवी राग में रचित नृत्यपट की भी प्रस्तुति हुई।
कार्यक्रम में पुणे के बांसुरी वादक संजय श्रीधरन, मुंबई के वायलिन वादक विष्णु दास, मृदंग वादक मास्टर इलप्पा ने पलक का साथ दिया। नाट्य कला भारती की उपाधि से सम्मानित चेन्नई के हरिप्रसाद ने शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति दी। कला में रुचि रखने वाली भवन्स की छात्रा पलक चित्रकला व नाट्यकला में भी प्रवीण हैं।
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