नागपूर :- चंद्रपुर जिले के सिंदेवाही से 3 कि.मी.दूर स्थित ग्राम गड़मौशी में एक घर की रसोई में जब परिवारवालों ने तेंदुए को डेरा जमाए देखा तो उनके होश उड़ गए। तेंदुए के पास शिकार की हुई बकरी थी जिसका मांस चाव से खाते हुए तेंदुआ रसोई में बैठा था। अब तक आमतौर पर बाघ, तेंदुए आदि वन्यजीवों द्वारा जानवरों या फिर लोगों पर हमला करने अथवा निवाला बनाए जाने की खबरें जिन लोगों ने सुनी थीं,वे अब सामने तेंदुए को देख दहशत में आ गए। घटना के बाद से परिवारवालों की नींद उड़ी हुई है। वन विभाग को इसकी सूचना दी गई। जिसके बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। काफी देर तक मशक्कत करते हुए पटाखे फोड़कर तेंदुए को भगाया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार गड़मौशी निवासी देवीदास शेंडे के यहाँ बकरियां पालन का व्यवसाय है। दो दिन पहले बकरियों के शेड में एक तेंदुआ पहुंचा। वहां उसने एक बकरी को पहले अपना शिकार बनाया और फिर तेंदुआ मृत बकरी को शेंडे के घर के किचन में ले गया और वहां वह बकरी का मांस खाता रहा। उसे देखकर शेंडे परिवार ने वन विभाग को जानकारी दी। जिसके बाद वन विभाग की टीम शेंडे के घर में दाखिल हुई और तेंदुए को घर से बाहर निकालने का काम शुरू कर दिया। काफी देर तक प्रयास करने के बाद भी तेंदुआ डटा हुआ था। देर रात 2 से तड़के 5 बजे तक चली मुहिम में वन विभाग की टीम ने पटाखे फोड़कर तेंदुए को खदेडऩे में सफलता पाई। जिसके बाद गांव के लोगों ने राहत की सांस ली। बता दें कि सिंदेवाही वनपरिक्षेत्र में बाघ व तेंदुए का मुक्त संचार होने से लोग हमेशा दहशत में रहते है।