नागपुर : पुलिस और कोर्ट में काम कैसे होते हैं, ये हर भारतीय अच्छे से जानता है। सालों साल केस चलते हैं। लेकिन नागपुर की एक सत्र न्यायालय इन दिनों इसलिए चर्चा का विषय बनी हुई है, क्योंकि सत्र न्यायालय ने पांच दिन के अंदर फैसला सुनाकर बाकी अदालतों के लिए एक बेहतरीन उदाहरण पेश किया है।
दरअसल, नागपुर रेलवे स्टेशन के फ्लाईओवर के बगल में एक रात्र आश्रय केंद्र है, जहां 18 अक्टूबर की दोपहर में लालचंद गजभिये से मारपीट करके निलेश पोटफोडे नाम के एक चोर ने उनका मोबाइल चुरा लिया। सीताबर्डी पुलिस ने निलेश को तुरंत गिरफ्तार करके उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली और अगले दिन यानी कि 19 अक्टूबर को नागपुर के जिला सत्र न्यायालय में आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी।
नागपुर की जिला सत्र ने तुरंत इस केस की सुनवाई करते हुए दूसरे दिन आरोपी के खिलाफ आरोप तय कर दिए। 20 और 21 अक्टूबर को न्यायालय की छुट्टी थी। इस कारण से 22, 23 और 24 अक्टूबर को 9 गवाहों के बयान दर्ज करते हुए आरोपी की खिलाफ जांच की गई और 24 तारीख को आरोपी निलेश को कोर्ट ने दोषी पाया और उसे दो साल की जेल की सजा सुनाई।
इस मामले में न केवल पुलिस बल्कि वकील, गवाह और अदालत ने अपना काम बहुत अच्छे अथवा तेजी से करते हुए आरोपी को जेल तक पहुंचाया। इसी कारण बचाव पक्ष के वकील ने भी इस पूरे मामले को लेकर अपनी संतुष्टि व्यक्त की। कोर्ट और पुलिस के द्वारा किए गए इस कार्य की पूरे शहर में सराहना हो रही है।
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