शुक्रवार को हुई बारिश के दौरान विधानभवन परिसर में व्यवस्था गड़बड़ाने और पानी भरने के मामले की जांच की जाएगी। व्यवस्था में कमजाेरी पाए जाने पर संबंधित लोगों पर कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को विधानसभा में घोषणा की।
राकांपा सदस्य अजित पवार ने यह मामला उठाया था। उन्होंने अधिवेशन के दौरान विधानभवन की बिजली आपूर्ति के मामले पर भी सरकार की कार्यप्रणाली पर प्रश्न उठाए। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि आपदा प्रबंधन के लिए पुलिस व जिला प्रशासन ने व्यापक प्रयास किए।फिर भी किसी तरह की गलती हुई हो जो जांच की जाएगी।
नागपुर शहर में आपदा प्रबंधन की व्यवस्था को और अधिक सक्षम बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने यह भी कहा कि शुक्रवार को नागपुर में जो बारिश हुई उसके लिहाज से यहां ड्रेनेज सिस्टम में जल निकासी की व्यवस्था नहीं है।
नागपुर में अतिवृष्टि होती है तो 150 मिमी बारिश होती है, लेकिन शुक्रवार को 24 घंटे में 282 मिमी बारिश हुई। उसमें भी 263 मिमी बारिश तो 6 घंटे में हुई। नागपुर में 30 वर्ष के इतिहास में ऐसी बारिश हुई है। 1994 में 24 घंटे में 300 मिमी बारिश हुई थी। तब पूरा शहर जलमय हो गया था। अगस्त की औसतन बारिश से अधिक बारिश हुई है। जून से अगस्त तक की बारिश की औसतन तुलना की जाए तो 83 प्रतिशत बारिश एक ही दिन में हुई है।
ड्रेनेज सिस्टम की क्षमता 125 मिमी बारिश को सहने की है। 282 मिमी बारिश की क्षमता नहीं है। इस बारिश से नागरिकों को नुकसान हुआ है। नुकसान का सर्वे किया गया है। पुलिस ने अापदा प्रबंधन में अच्छी भूमिका निभायी है। शहर में निर्माण कार्य के कारण यह स्थिति बनी है। आपदा प्रभावितों को राहत दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मुंबई में जल निकासी के लिए पंपों का इस्तेमाल किया जाता है। ड्रेनेज की समस्या है। नागपुर में ड्रेनेज सिस्टम में जल्द ही सुधार होगा।
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