भ्रष्टाचार के मामले में महाराष्ट्र में नागपुर दूसरे स्थान पर, पुणे सबसे आगे

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एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा साल 2018 में दर्ज किए गए मामलों में पुणे में सबसे ज्यादा 179 ट्रैप लगाए गए जबकि नागपुर में इसकी संख्या 119 और औरंगाबाद में 107 रही।

एसीबी के रिकार्ड के अनुसार राज्य के सरकारी महकमों में भ्रष्टाचार के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2017 की तुलना में 2018 के दौरान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के द्वारा की गई कार्रवाई में 2 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। जबकि नागपुर परिक्षेत्र में 19 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। विभाग ने कुल 824 ट्रैप लगाकर 1093 आरोपियों को पकड़ने में सफलता पाई। 2017 में यह आकड़ा 807 ट्रैप व 1063 आरोपियों का था।

नागपुर जिले में भ्रष्टाचार शिकायतें मिलने के बाद एसीबी द्वारा लगाए जाने वाले ट्रैप की संख्या में कमी आई है जबकि नागपुर परिक्षेत्र में 19 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। एसीबी से मिली जानकारी के अनुसार 2018 में नागपुर जिले में रिश्वत मांगने की शिकायत पर आरोपियों को पकड़ने के लिए 1 जनवरी 2018 से 6 दिसंबर 2018 तक 20 ट्रैप लगाए गए जबकि 2017 में 31 ट्रैप लगाए गए थे।

रिश्वत के मामले में राजस्व व पुलिस विभाग सबसे आगे हैं। 2018 के आकड़ों के अनुसार घूसखोरी की शिकायत के मामले में राजस्व विभाग पहले और पुलिस महकमा दूसरे क्रमांक पर है। 2018 में राजस्व विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ रिश्वत मांगने के 201 मामले दर्ज किए गए। जबकि पुलिस विभाग के खिलाफ 179 शिकायतें मिली। इस मामले में पंचायत समिति 87 मामलों की साथ तीसरे क्रमांक पर है। सालभर में एसीबी के ट्रैप में 1 करोड़ 67 लाख 71 हजार 228 रुपए बरामद किए गए।

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Abhijit
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