नागपुर : हम देखते है ट्रक, बस, कंटेनर को उठाने के लिए जैक का इस्तेमाल किया जाता है | लेकिन किसी मजबूत बने मकान को जैक से उठाने की बात करे तो ? यकिन नहीं होता, जी हां बात सच है नागपुर में आलिशान घर को जैक के मदद से साढ़े तीन फिट जमींन से ऊंचा किया जा रहा है |
मकान को ऊंचा करने की यह तकनीक हरियाणा में खूब प्रचलित हो चुकी है, मेरठ, मुजफ्फरनगर और बागपत में इसका पहले से प्रयोग हो रहा है। इसमें जैक लगाकर मकानों को ऊंचा उठा दिया जाता है। लेकिन शहर में पहलीबार टेका नाका बुध्धाजी नगर में रहनेवाले हरपाल सिंह मेहता ने इसी तकनीक से मकान को साढ़े तीन फिट ऊंचा किया, तो लोगों ने दांतों तले अंगुली दबा ली।
बेशकीमती समय, पैसा और परेशानी से बचाने वाली इस तकनीकि को हरपाल सिंह मेहता ने अपनाया, उन्होंने सन १९९३ को ३००० स्केअर फिट में १६०० स्केअर फिट का मकान बनवाया। कुछ वर्षो बाद इस बीच सड़क और रास्ता ऊंचा होता चला गया, तो मकान सड़क से नीचे चला गया। उनके घर में बरसात का पानी भरने लगा। इस मुसीबत में पूरे परिवार को दूसरे के घरों में शरण लेनी पड़ती थी। परेशान मेहताजी को किसीने जैक से (भारोत्तोलन पद्धति) मकान उठाए जाने की बात बताई।
उन्होंने इस बात का सर्वे किया और कुरुक्षेत्र से कुछ कारागीर से संपर्क कर मकान को जैक लगाकर ऊंचा उठा दिया। पूरी प्रक्रिया में और कुछ दिन लग सकते है, इस प्रक्रिया के दौरान मकान में पहले आई दरारें भी खत्म कर दी जाएगी ऐसी जानकारी मजदूरों द्वारा दी गई है |