बिरसा क्रान्ति दल ने “रावण महागोगो” का आयोजन कर रावण की महापूजा की

Date:

नागपुर : दशहरा यानी बुराई पर सत्य की विजय और इसी हिन्दू मान्यता नुसार दशहरे को देश के हर हिस्सों में रावण का दहन किया जाता है | किन्तु रावण यह खलनायक नहीं था वह कर्तव्यदक्ष और विवेकवादी राजा था ऐसा दावा बिरसा क्रान्ति दल ने कर रावण की महापूजा की है | शहर के ऊंटखाना मैदान पर यह अनोखा महापूजा का कार्यक्रम का आयोजन किया गया था | बिरसा क्रान्ति दल पिछले कई वर्षो से “रावण महागोगो” इस कार्यक्रम का आयोजन कर रही है | बिरसा क्रान्ति दल के संस्थापक अध्यक्ष दशरथ मड़ावी कहते है रावण एक समृद्ध संस्कृति का प्रतिक है इसके साथ ही रावण में अनेक अच्छे गुन थे वे एक दार्शनिक राजा थे |

बता दे नागपुर, अमरावती, यवतमाल जैसे कुछ जिलों में गोंड जनजाति की नई पीढ़ी अब खुलकर राम की जगह रावण की पूजा करते है। वे रावण को गोंड सम्राट राजा रावण भी कहते है | दरअसल, रावण का मातृ पक्ष अनार्य था, इसलिए आदिवासी समुदाय उसे अपना देवता मानते हैं। इन क्षेत्रों में दशहरे के दिन रावण की पूजा की जाती है, और रावण की जय में रैलियां भी निकाली जाती हैं। आदिवासियों में वंश परंपरा मातृसत्तात्मक होती है।

रावण की माता कैकसी जिसे निकशा या केशनी के नाम से भी जाना जाता है, वह रावण के नाना सुमाली और मेरुमति की पुत्री थीं। यही वजह है कि मातृसत्तात्मक पद्धति होने से रावण को आदिवासी कुल का माना जाता है। आदिवासी में केवल गोंड ही नहीं, बल्कि माड़िया गोंड, कोरकू गोंड आदि भी रावण की पूजा करते हैं। नागपुर के गोंडवाना विकास मंडल में भी रावण की इन दिनों भव्य पूजा दशहरे के दिन की जाती है।

और पढे : शहरातील सुख, समृद्धीसाठी क्रीडा समिती सभापतींची ताजबाग मध्ये प्रार्थना

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

AI’s Next Steps in the IT Industry

 What is Artificial Intelligence?  Artificial Intelligence (AI) has transformed the...

Best places in India for summer

Looking for the best places to visit in summer,...

Top 10 best summer visiting place in India

India has the top summer vacation places to be...

Celebrate Mahavir Jayanti 2025: A Tribute to the Spiritual Guide of Jainism

Who was Lord Mahavir? Mahavir Jayanti is celebrated as the...