नागपुर : उपराजधानी हमेशा किसी न किसी कारण से सुर्खियों में रहता है चाहे वो राजनीति हाे या कई दिग्गज अभिनेता – नेताओ का यहां आना जाना हो किन्तु इसके विपरीत फिल्म की बात करे तो कई मराठी फिल्मे यहाँ बनीं है ।वैसे तो कई मराठी फिल्मों की शूटिंग नागपुर और नागपुर के कई क्षेत्रों में हो चुकी है। किन्तु अब सदी के महानायक अमिताभ बच्चन भी १५ नंवबर को नागपुर आने वाले हैं ।
उनकी आगामी फिल्म ‘झुंड’ की शूटिंग के लिए फिल्म जानकारों के मुताबिक वे जल्द ही सैराट निर्देशक नागराज मुंडले के साथ नागपुर में प्रेस कांफ्रेस करने वाले हैं। ज्ञात रहे कि विजय बारसे पर बच्चन स्टारर ‘झुंड’ आधारित है । महानायक का जलवा ही ऐसा है कि वे जहां पहुंच जाए भीड़ पहले पहुंच जाती है। बात जब उनके नागपुर में शूटिंग करने की हो तो नागपुरवासी उनकी एक झलक के लिए बेकरार होंगे ही, ऐसी ही बेकरारी दिख रही है संतरावासियों में। हाल ये हैं कि प्री -प्रोडक्क्शन और शूटिंग के दौरान जो लाेग चाहिए होंगे उसके लिए भी अभी से लोग अपना रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं।
विजय बारसे के अनुसार नागपुर के हिसलॉप कॉलेज में स्पोर्ट्स इंस्ट्रक्टर थे, उन्होंने १७-१८ साल में बहुत सारे बच्चों की जिंदगी बदल दी । कॉलेज जा रहे थे लेकिन बरसात से बचने के लिए एक पेड़ के नीचे खड़े हो गए। तभी उन्होंने आसपास से आ रही कुछ सुहावनी आवाजें सुनी। पीछे मुड़े तो मैदान था जिसमें कुछ बच्चे खेल रहे थे। खिलखिला रहे थे। तन पर पूरे कपड़े नहीं थे, मैदान में कीचड़ जमा हो रहा था। लेकिन पड़ोस की झुग्गी के ये बच्चे खेल रहे थे। एक टूटी हुई बाल्टी से किक मार रहे थे और खुश थे।
इसे देखकर विजय ने कुछ सोचा और अपने कॉलेज गए। वहां अपने डिपार्टमेंट से एक असली फुटबॉल लेकर आए। उन बच्चों को दी फुटबाल दी, बच्चों ने खेलना शुरु किया। बारसे ने स्लम सॉकर की स्थापना की। शहर में इसे झोपड़पट्टी फुटबॉल कहकर पुकारा जाता है। इसका पहला मैच २००१ में हुआ। नागपुर की दो झोपड़पट्टियों के बीच वसंतनाइक स्लम और धरमपेठ स्लम के बीच हुआ था। जब बारसे ने पहला सालाना स्लम सॉकर टूर्नामेंट करवाया तो उसमें बच्चों की १२८ टीमों ने हिस्सा लिया, आज ‘स्लम सॉकर – क्रीड़ा विकास संस्था’ का कामकाज बहुत फैल गया है। सिर्फ महाराष्ट्र में ही बताया जाता है कि इसमें २५०० टीमें खेलती हैं। इतने बरसों में स्लम सॉकर से जुड़कर बहुत सारे बच्चे निकले हैं जो आज सफल मुकाम तक पहुंचे हैं।
फिल्म झुंड का सेट सेंट जांस स्कूल में बनाया जा रहा है, वहीं पर पूरी शूटिंग होगी। ये शूटिंग ४५ दिनों तक चलेगी। जिसमें स्कूली बच्चे सहित अन्य लोग हिस्सा लेंगे। इसमें स्थानीय लोग भी शामिल होंगे ये लोग अभी से रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं। सेंट जांस स्कूल को स्लम में बब्दील किया जाएगा और यहीं पूरी शूटिंग की जाएगी। इसके अलावा भी कुछ हिस्सों की शूटिंग बाहरी इलाकों में भी होगी। वहीं पुलिस प्रोटेक्क्शन और प्रोडक्क्शन व शूटिंग के लिए भी परमिशन ली जा चुकी है।
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