नागपुर :- राज्य के ऊर्जा मंत्री और जिले के पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले का ड्रीम प्रोजेक्ट कोराडी तालाब के पुनरुत्थान, गहराईकरण तथा सौंदर्यीकरण के लिए महालक्ष्मी जगदंबा परिसर में विकास, जल क्रीड़ा, पर्यटन, क्षेत्र विकास को दिशा देने के लिए तालाब की सफाई करने 20 मीटर लंबे, 7 मीटर चौड़े तथा 90 टन का महाकाय जहाज को कोराड़ी तालाब में उतारा गया है। इस प्रकल्प के तहत कार्य का शुभारंभ डेढ़ करोड़ की लागत से बने राठोड-1 जहाज को तालाब में उतारकर किया गया।
20 मीटर लंबे, 7 मीटर चौड़े तथा लगभग 90 टन का यह महाकाय जहाज लोहे की प्लेट जोड़कर कोराडी के विद्या भवन स्कूल के समीप विशेषज्ञों की निगरानी में लगभग डेढ़ करोड़ की लागत से बनाया गया है । महाराष्ट्र मेरी टाइम बोर्ड बान्द्रा, मुंबई के पोर्ट अधिकारियों के नियमों के तहत अनुमति प्रदान कर, ऊर्जा मंत्री के हाथों “राठोड-1′ जहाज सुरक्षा बरतते हुए कोराडी तालाब में उतारा गया। 194 हेक्टेयर परिसर में फैले कोराडी तालाब की सफाई पुनरुत्थान, कीचड निकालना, गहरा करना, सौंदर्यीकरण करने का काम महानिर्मिती की ओर से मे. अभि. इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन प्रा. लिमिटेड को दिया गया है। निविदा प्रक्रिया द्वारा दिए गए काम की कीमत 55.06 करोड़ है। यह काम 18 महीने में पूर्ण करना है।
इस जहाज के द्व्रारा पहले तालाब में फैली काई, कायका, घास तथा अन्य अनावश्यक वनस्पति निकाली जाएगी। इसके लिए “राठोड-1′ जहाज पर पोकलेन रख कर इन चीजों को निकाला जाएगा। प्रतिदिन लगभग 16 घंटे काम करने के बाद 1 हेक्टेयर की वनस्पति निकाली जाएगी। दूसरी बारी में 12 मीटर/3.5 मीटर आकार का हॉलंड बनावट का ग्रुप य कटर सेक्शन रेजर की सहायता से पानी के भीतर का लगभग 305 मीटर गहराई का कीचड़ 200 मिमी पाइप से निकाला जाएगा। अनावश्यक वनस्पति निकालने से पानी स्वच्छ रहेगा। मछली तथा जलचर प्राणियों को पर्यावरण पूरक संरक्षण मिलेगा। तालाब परिसर अत्यंत नए रूप में दिखेगा। कीचड़ निकालने से पानी का स्टॉक बढ़ेगा। बिजली उत्पादन के लिए पानी की उपलब्धता रहेगी। तालाब के भीतर की कीचड़ वाली मिट्टी खेत में डालने से खेत की उपज क्षमता बढ़ेगी। निचले इलाकों में समतलीकरण के लिए भी इस मिट्टी का उपयोग हो सकता है।
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