नागपूर :- गुरुवार दोपहर को मुंबई, घाटकोपर के रिहायशी इलाके में क्रैश हुए उत्तरप्रदेश के चार्टर्ड प्लेन में सोनीपत की बहू सुरभि भी सवार थी। विमान में सुरभि बतौर एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियर थी। हादसे के बाद जैसे ही सूचना सोनीपत पहुंची, सुरभि के ससुराल में मातम छा गया। पुराने डीसी रोड स्थित ससुराल में मामा, सास व छोटा देवर रहता है।
शुक्रवार को यूपी के बदायूं से सुबह ही सुरभि के पिता सूर्य प्रकाश गुप्ता अपने फेमिली के साथ सोनीपत पहुंचे। सूर्य प्रकाश गुप्ता ने जानकारी दी कि बेटी का अकसर फोन आता रहता था। वह उन्हें समय पर दवा लेने को कहती थी। चार्टर्ड विमान में उड़ान भरने से पहले भी बेटी ने उनको फोन किया था, और कहा कि, ये वाला जहाज यूपी का है, पता नहीं इसे यूपी सरकार ने बेचा है या किसी और ने। हमारे यूपी में क्या इतने थर्ड क्लास जहाज हैं। बेटी की इस बात पर उन्होंने कहा था- नहीं बेटी ऐसा नहीं है। बेटी ने जवाब दिया, मैं चढूंगी नहीं इस पर, लेकिन वह चढ़ गई और हादसा हो गया।
18 जून 2017 को हुई थी, शादी लव कम अरेंज मैरिज थी मामा सुरेंद्र ने बताया, सुरभि व उसका भांजा बृजेश एक साथ कोर्स करते थे। इस दौरान उनकी मुलाकात हुई। दोनों ने शादी करने का निर्णय लिया। उन्होंने अपने रिश्ते के बारे में उन्हें जानकारी दी। दोनों परिवार इस रिश्ते से राजी हुए और 18 जून 2017 को दोनों की सोनीपत के जीटी रोड स्थित एक बैंक्वेट हाल में शादी की गई। शादी के समय करीब एक सप्ताह यह दोनों उनके पास रहे। इसके बाद दोनों मुंबई में जॉब करने के कारण वहीं सैटल हो गए। जानकारी के अनुसार चार्टर्ड विमान में पायलट मारिया कुबेर व सुरभि ये दो ही महिलाएं थी।
हादसे के बाद दोनों के शव पूरी तरह से जल गए। परिजन पहचान करने गए तो पहचाना मुश्किल हो गया था। मामा सुरेंद्र ने बताया कि कानों में पहनी बाली से सुरभि की पहचान हुई, हालांकि मारिया कुबेर का पति पहचान करने से मना कर रहा है।
सुरभि काम ज्यादा होने के कारण कभी-कभार ही मायके आती थी। वह करीब एक माह पहले ही दिल्ली अपने भाई के यहां आई थी। यहां पूरी फैमिली इकट्ठा हुई। पूरे परिवार ने एक साथ सेल्फी भी ली थी। उस समय परिवार ने कभी सोचा भी नहीं था कि बेटी सुरभि अब कम ही दिनों तक उनके बीच है। परिजनों ने बताया, उनका भांजा बृजेश भी पायलट हैं और मुंबई में ही कार्यरत हैं। पत्नी सुरभि जिस समय चार्टर्ड विमान की टेस्ट ड्राइव पर जा रही थी, उस समय पति बृजेश ने ही उसे रोका था, लेकिन सुरभि ने कहा कुछ नहीं होने वाला। सुरभि के पिता सूर्य प्रताप गुप्ता पेशे से वकील हैं। सुरभि की परवरिश बेहद लाड़ से हुई। पिता ने बताया कि सुरभि ने अपनी पढ़ाई मुंबई से की और वहीं से एयरक्राफ्ट इंजीनियरिंग की।
सुरभि देश की पहली महिला एयरबेस इंजीनियर थी। उसे बिहार सरकार ने व हादसे से दो दिन पहले ही महाराष्ट्र सरकार ने सम्मानित किया था। इन सरकारों ने सुरभि को कहा था कि वह उसे एयरबस का लाइसेंस दिलाएंगे। सुरभि एएमई मेस्को एयरलाइनस, एयर क्राफ्ट इंजीनियर एट इनोवेशन एवीवेश्न प्राइवेट लिमिटेड, एमएफई एट डिकेन चार्टर्ड प्राइवेट लिमिटेड, टेक्नीशियन एट इंडेमर कंपनी प्राइवेट लिमिटेड में काम किया। सुरभि ने स्टेडी केदारनाथ इंटर कालेज से की। जबकि स्कूली शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर से प्राप्त की। उसने हिंदुस्तान एकेडमी आॅफ एयरक्राफ्ट मेंंटनेंस इंजीनियरिंग से आगे की पढ़ाई की। मां नरगिस हादसे से बेहद दुखी है। सुरभि मां की बेहद लाड़ली थी। ससुराल पहुंचने पर सुरभि की मां बेसुध हो गई |
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