नागपूर :- नागपुर के डॉ बाबासाहेब आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से भेड़-बकरियां विदेश में सरकार के द्व्रारा निर्यात करने का शहर के सकल जैन समाज ने विरोध किया है। जैन समाज ने शुक्रवार की सुबह संघ मुख्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन करते हुए सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। बता दें कि नागपुर एयरपोर्ट से 30 जून को भेड़-बकरियों की पहली खेप रवाना होने वाली है।
जैन चेतना मंच और सकल जैन समाज ने इसका विरोध करते हुए आज मोर्चा निकाला। जैन समाज के पदाधिकारियों ने सरकार के इस फैसले को नागपुर की परंपरा के अनुसार विरोध बताया है । जैन समाज का कहना है कि संतरा नगरी की पहचान संतरों को लेकर है, लेकिन सरकार अब यहां से भेड़-बकरियां निर्यात कर इस शहर का नाम बदलने की कोशिश कर रही है। समाज ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने अपना फैसला वापस नहीं लिया तो शनिवार 30 जून को नागपुर बंद रखा जाएगा और एयरपोर्ट जाकर वहां से भेड़-बकरियों को विदेश भेजने से रोका जाएगा। बता दे की 30 जून को पहली बार नागपुर हवाई अड्डे से शारजाह को भेड़-बकरियों का निर्यात किया जाएगा । जानकारी के मुताबिक़ नागपुर हवाई अड्डे से तीन माह की अवधि के दौरान लगभग एक लाख भेड़-बकरियों का निर्यात करने की सरकार की तैयारी है। 30 जून को पहली खेप का निर्यात किए जाने के अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस, केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी और केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री सुरेश प्रभु भी उपस्थित रहेंगे, नागपुर स्थित मल्टी-मोडल इंटरनेशनल कारगो हब एवं एयरपोर्ट (मिहान), एयर इंडिया, कृषि मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय के संयुक्त प्रयासों से यह परियोजना शुरू की जा रही है। सरकार का कहना है कि पशुधन के निर्यात से उस विदर्भ क्षेत्र के किसान लाभान्वित होंगे, जहां कई किसानों ने आत्महत्या की है। किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए नये अवसर तलाशने के उद्देश्य से इस परियोजना पर काम शुरू करने की बात भी कही जा रही है, लेकिन जैन समाज के विरोध के चलते सरकार अपनी इस योजना को कैसे सफल बनाएगी इस प्रश्न का निवारण आनेवाले समय में किया जाएगा l