नागपुर: दिल्ली के तबलीगी जमात से लौटे लोगों की वजह से समूचे देशभर में कोरोना का खतरा दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है. देश के अलग-अलग शहरों में हर दिन मरकज कनेक्शन सामने आ रहा है. अब इससे आरेंजसिटी भी अछूती नहीं रही. इस बीच क्वारंटाइन में रखे गये मध्य नागपुर के एक 32 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजिटिव आने के बाद प्रशासन का सिरदर्द बढ़ गया है. इसके साथ ही पूरे इलाके को लाकडाउन कर दिया गया. लग रहा था कि सिटी में कोरोना की चेन टूट गई है, लेकिन 5 दिन बाद मिले पाजिटिव मरीज ने खतरा बढ़ा दिया है. इतना ही नहीं करीब 15 दिनों तक आम लोगों के बीच रहने के बाद प्रशासन ने उसे 1 अप्रैल को क्वारंटाइन किया था.
प्रशासन द्वारा पिछले सप्ताहभर से मरकज कनेक्शन की तलाश की जा रही थी. सिटी का एक युवक 13 मार्च को दिल्ली पहुंचा था. वहां वह मरकज जमात में शामिल हुआ और 14 मार्च को ट्रेन से नागपुर लौट आया. लौटने के बाद उसमें सर्दी, खांसी और जुकाम के लक्षण दिखाई दिये थे लेकिन अन्य डाक्टर के पास दवाई ली थी. इस वजह से खुद को क्वारंटाइन भी नहीं किया, लेकिन जब प्रशासन द्वारा मरकज से लौटने वालों की पहचान की गई तो उक्त युवक का पता चला. पश्चात उसे 1 अप्रैल को वनामति में क्वारंटाइन किया गया.
एम्स की लैब में की गई जांच
क्वारंटाइन करने के बाद उसके नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला में भेज दिये गये थे, लेकिन मेयो की प्रयोगशाला में पहले से ही नमूने होने और संदिग्ध की भीड़ बढ़ने से युवक के नमूने एम्स की प्रयोगशाला में भेजे गये. शनिवार को रिपोर्ट आने के बाद उसके संक्रमित होने की पुष्टि हुई. रिपोर्ट पाजिटिव मिलने के बाद से प्रशासन द्वारा युवक के संपर्क में आने वालों की तलाश शुरू कर दी गई है. साथ ही उसके घर से कुछ किमी की दूरी तक के लोगों की जांच शुरू कर दी गई है.
180 आयसोलेशन
कोरोना का एक टेस्ट करने के लिए अलग-अलग चक्र में करीब 7 घंटे का समय लगता है. एक दिन में 3 चक्र में जांच की जाती है. मेयो की प्रयोगशाला में एक मशीन बंद होने से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्था (एम्स) में जांच की शुरुआत की गई. पहले ही दिन 25 नमूनों की जांच की गई है. इसके साथ ही सिटी में पाजिटिव मरीजों की संख्या 17 हो गई है. दरअसल प्रशासन ने मरकज से लौटे 180 लोगों को आयसोलेशन में रखा है. एम्स में प्रयोगशाला तैयार करने के साथ ही 100 बिस्तरों का आयसोलेशन वार्ड बनाया गया है. संस्था में पहले से ही कोरोना मरीजों की जांच के लिए कोरोना कार्नर शुरू है. अब मरीजों के बढ़ने की संभावना के मद्देनजर एम्स ने मास्क, वेंटिलेटर सहित अन्य सामग्री की तत्काल खरीदी शुरू कर दी है.
मिल रही सभी सुविधाएं
कोरोना का प्रादुर्भाव टालने के लिए संदिग्ध और बाधित नागरिकों की प्रत्येक स्तर पर जांच की जा रही है. कोरोना पाजिटिव 4 मरीजों की हालत में सुधार होने के बाद उन्हें पहले ही छुट्टी दे दी गई है. 4 अप्रैल को सुबह तक विधायक निवास, रविभवन व वनामति में कुल 639 लोगों को रखा गया. इसमें दिल्ली के मरकज से लौटने वाले 407 लोगों का भी समावेश था, जिसमें से 127 को घर छोड़ दिया गया. यहां लोगों को सभी तरह की आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं.
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