नागपुर : महिलाएं स्वयं ही समाज की स्वतंत्र संस्था है। उन्हे वैचारिक और आर्थिक दृष्टि से पूर्ण होने की आवश्यकता है। खुद के पैरो पर आत्मविश्वास से खड़े होना चाहिए। साथ ही महिलाओं को नौकरी करने की बजाय नौकरी देने पर जोर देने चाहिए। यह विचार “स्वयंपूर्ण बहुउद्देशीय संस्था’ की अध्यक्षा कांचन गडकरी ने व्यक्त किए।
अवसर था विदर्भ हिन्दी साहित्य सम्मेलन में आयोजित मला उद्योजिका व्हायचंय कार्यक्रम का। इस अवसर पर मंच पर आम्ही उद्योगिनी प्रतिष्ठान की अध्यक्षा मीनल मोहाडीकर, एमएसएमई के उपसंचालक के.टी. कालकर, बैंक आॅफ इंडिया के वरिष्ठ सेवानिवृत्त अधिकारी सुधाकर अत्रे, औद्योगिक महामंडल के अध्यक्ष किरण पातुरकर, मनीष झा, धरमपेठ महिला बैंक की अध्यक्षा सौ निलीमा बावणे, विजु भुसारी उपस्थित थी। इस अवसर उद्योजक महिलाओं को उद्योग से संबंधित टिप्स दिए गए तथा सरकारी योजनाओं के संंबंध में भी जानकारी दी गई। साथ ही महिलाओं को उद्योग आधार कार्ड निकालने की भी जानकारी दी गई।
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