नागपुर : राज्य सरकार द्वारा वेटरनरी अस्पतालों में कार्यरत कम्पाउंडरों को पदोन्नति देकर अस्पतालों में डॉक्टर बनाए जाने के विरोध में उतरे पशु चिकित्सा विद्यार्थियों का आंदोलन पांचवें दिन सोमवार को भी जारी रहा। विद्यार्थियों ने महाराष्ट्र पशु चिकित्सा व मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय कुलगुरु डॉ. आशीष पातुरकर का घेराव किया, साथ ही अलंकार चौक स्थित पशु चिकित्सालय के बाहर चाय बेच कर विरोध जताया। विद्यार्थियों का आरोप है कि उनकी पदोन्नति के फैसले के कारण कम्पाउंडरों को डॉक्टरों की जिम्मेदारी मिल जाएगी, कम्पाउंडर इसके लिए पात्र नहीं हैं, जबकि उन्होंने पूरी मेहनत से डिग्री प्राप्त की है। विद्यार्थियों के अनुसार डिग्री पूर्ण करने के बाद महाराष्ट्र स्टेट वेटरनरी काउंसिल द्वारा रजिस्ट्रेशन नंबर मिलता है। इसके बाद ही छात्र पशु चिकित्सक बन पाते हैं, लेकिन सरकार अब डिप्लोमा करने वालों को डॉक्टर के पद पर पदोन्नति दे रही है और डिग्रीधारी केवल लाइसेंस लेकर घूम रहे हैं।
विद्यार्थियों का आक्रोश इसलिए भी बढ़ता जा रहा है, क्योंकि कोई जिम्मेदार अधिकारी या जनप्रतिनिधि उनकी ओर ध्यान नहीं दे रहा है। उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भी निवेदन सौंपा है, लेकिन कोई हल नहीं निकल सका है। अांदोलन में शामिल डॉ. चेतन अलोने, डॉ. चंद्रशेखर पाटील, डॉ. शुभम गुर्वे, तेजस वानखेड़े के अनुसार जब तक विद्यार्थियों की मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
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