नागपुर : आये दिन हमें अस्पताल में मृत व्यक्ति को वेंटिलेटर के सहारे कुछ दिनों तक जिंदा बताकर मरीज के परिवार से लाखों रुपए वसूलने की शिकायतें अक्सर सुनने मिलती हैं। इतनाही नहीं इस तरह की शिकायतें प्रशासन के पास भी पहुंचती हैं। जिससे अब जिला प्रशासन वेंटिलेटर के सहारे मृतक को जिंदा बताने वाले अस्पतालों पर नजर रखेगा।
ऐसा होने का संदेह या आपत्ति होने पर ऐसे अस्पतालों की शिकायत भी जिला प्रशासन के पास की जा सकती है। जिला प्रशासन चैरिटी के नाम पर मरीजों से मोटी रकम वसूलने वाले चैरिटेबल अस्पतालों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी कर रहा है। वेंटिलेटर के नाम पर लाखों रुपए वसूलने की शिकायतें जिला प्रशासन के पास पहुंच रही है। सर्जरी में इस्तेमाल हुई चीजें फिर से उपयोग करने की भी शिकायतें मिली हैं। जिला उपभोक्ता संरक्षण परिषद ने ऐसे मामलों पर नजर रखने व शिकायत मिलने पर दोषी पर कार्रवाई करने का फैसला किया है।
जानकारी यही है कि वेंटिलेटर पर रखे ९५% तक लोगों की कुछ दिनों बाद मौत हो जाती है। कुछ रोगियों की तो २५ से ३० दिन बाद ही मौत हो जाती है। पहले ही सदमें में रहने वाले परिवार को अस्पताल की मोटी फीस का बोझ उठाना पड़ता है। यह मामला मेडिकल प्रैक्टिस से जुड़ा होने से आम आदमी को इसकी बारीकियां पता नहीं रहतीं जिसकी वजह से पीड़ित परिवार के पास मातम करने के अलावा कुछ नहीं रहता |
ऐसे फर्जी मामलों को रोकने के लिए जिला उपभोक्ता संरक्षण परिषद पुख्ता कदम उठाएगा। वेंटीलेटर से संबंधी शिकायत जिला प्रशासन के पास आने पर संबंधित अस्पताल पर कड़ी नजर रखी जाएगी।
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