नागपुर : नागपुर शहर के पवित्र दीक्षाभूमि पर १८ अक्टुम्बर को मनाये जानेवाले ६२ वे धम्मचक्र प्रवर्तन दिन की तैयारिया अंतिम चरण में है | बता दे की धम्मचक्र प्रवर्तन दिन के अवसर पर शहर के दीक्षाभूमि पर पुरे भारत भर से लाखों अनुयायी दीक्षाभूमि पहुंचते है | देश सहित विदेशो से भी कई अनुयायी दीक्षाभूमि में आते है | उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड से हजारों अनुयायियों ने यहाँ शिरकत करते है |
रविवार से ही बड़ी तादाद में अनुयायियों के यहाँ आने का सिलसिला चल रहा है | इनके रहने के लिए प्रशासन की ओर से दीक्षाभूमि के आस पास की स्कूलों और समाज भवनों में व्यवस्था की गई है | परिसर में खाने के स्टाल, पानी, भोजन दान की भी व्यवस्था की गई है | १४ अक्टूबर १९५६ में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने नागपुर शहर के पवित्र दीक्षाभूमि पर अपने लाखों अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म की दीक्षा ली थी |
जिसके बाद से हर वर्ष लाखों की तादाद में बौद्ध अनुयायी बाबासाहेब को और भगवान् बुद्ध को नमन करने और इनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने यहाँ पहुंचते है | १४ अक्टूबर १९५६ को बाबासाहेब ने यहाँ बौद्ध धर्म की दीक्षा ली थी | लेकिन उस दिन दशहरा होने की वजह से हर साल अनुयाई दशहरे के दिन ही यहाँ पहुंचते है| जिसके लिए १४ अक्टूबर को भी दीक्षाभूमि में लाखो अनुयाई दीक्षाभूमि पहुंचते है, दीक्षाभूमि में पहुंच रहे अनुयायियों को रास्तो की जानकारी देने के लिए और उन्हें मार्गदर्शन करने के लिए रेलवे स्टेशन पर भी व्यवस्था की गयी है |
१८ अक्टुम्बर की शाम को होनेवाले मुख्य कार्यक्रम में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर स्मारक समिति दीक्षाभूमि के अध्यक्ष आर्य नागार्जुन सुरेई ससाई की अध्यक्षता में यह कार्यक्रम होगा | जिसमे राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय राज्यमंत्री रामदास आठवले, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डॉ. जी परमेश्वरा, पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, राज्य के सामाजिक न्याय मंत्री राजकुमार बड़ोले, नागपुर की महापौर श्रीमती नंदाताई जिचकार उपस्थित रहेंगे |
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